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December 3, 2024
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सवर्ण के खिलाफ दर्ज कराई FIR, इस गांव में 50 दलित परिवारों का बहिष्कार

सवर्ण के खिलाफ दर्ज कराई FIR, इस गांव में 50 दलित परिवारों का बहिष्कार

बेंगलुरु : उत्तर कर्नाटक के यादगीर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक गांव ने 50 दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है। मामला एक ऊंची जाति के लड़के के खिलाफ केस दर्ज कराने का है। नाबालिग दलित लड़की के माता-पिता ने 23 वर्षीय उच्च जाति के लड़के के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। उनके ऊपर दबाव डाला गया लेकिन उन्होंने केस वापस लेने से इनकार कर दिया। इसी के चलते न सिर्फ उनका बल्कि इलाके के सभी दलितों का सोशल बायकॉट कर दिया गया।

बहिष्कार के आह्वान के बाद, बप्पारागा गांव की दो कॉलोनियों में रहने वाले लगभग 250 दलितों को किराने और स्टेशनरी की दुकानों, मंदिरों, सैलून और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोक दिया गया है। दलित बच्चे पेन और नोटबुक जैसी बुनियादी स्कूली आपूर्ति नहीं खरीद सकते हैं।

वीडियो रेकॉर्डिंग वायरल

कथित तौर पर उच्च जाति के गांव के बुजुर्गों ने 13 अगस्त को बहिष्कार की घोषणा की थी। इसी दिन चंद्रशेखर हनमंतराय बिरादर को पोक्सो मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह अभी जेल में है। बहिष्कार के आह्वान की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग अब वायरल हो गई है। यादगीर बेंगलुरु से लगभग 500 किमी दूर है।

गांव में डेरा डाले हैं एसपी

यादगीर की पुलिस अधीक्षक संगीता ने गांव में कथित स्थिति के किसी भी सबूत से इनकार किया। वह अभी गांव शांति स्थापित करने के लिए डेरा डाले हुए हैं। अधिकारी ने स्थिति को सामान्य बताया। उन्होंने गांव के बुजुर्गों से बहिष्कार जैसी अमानवीय प्रथाओं से दूर रहने का आग्रह किया है। ग्रामीणों ने कथित तौर पर उनके अनुरोध पर सहमति जताई है।

5 महीने की गर्भवती हुई लड़की

पुलिस सूत्रों ने बताया कि 15 वर्षीय लड़की और लड़का कथित तौर पर रिश्ते में थे। यह कहते हुए कि वह उससे शादी करेगा, उसने कथित तौर पर लड़की का यौन उत्पीड़न किया। वह गर्भवती हो गई। पांच महीने का गर्भ होने के बाद उसने परिवार को इसकी जानकारी दी। युवक ने लड़की के साथ किसी भी तरह से संबंध से इनकार किया, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।

लड़की वालों ने शादी करने को कहा

जब लड़की के परिवार ने लड़के से वचन का सम्मान करने और उससे शादी करने के लिए कहा, तो लड़के के परिवार ने कथित तौर पर इसे अस्वीकार कर दिया। फिर लड़की के माता-पिता ने 12 अगस्त को नारायणपुरा पुलिस स्टेशन में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया।

अगले ही दिन किया बहिष्कार

शिकायत के बाद, उच्च जाति के सदस्यों ने बातचीत के लिए लड़की के माता-पिता को बुलाया। हालांकि, नाबालिग के माता-पिता ने युवक के खिलाफ पोक्सो मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया। इससे नाराज होकर, गांव के उच्च जाति के नेताओं ने अगले दिन दलित समुदाय पर सामाजिक बहिष्कार लगा दिया।
1,500 की आबादी वाला यह गांव जिले के हुन्सगी तालुका में है, जो कृष्णा नदी पर बने नारायणपुरा बांध के निकट है और यहां मुख्य रूप से धान की खेती होती है।

शशि मिश्रा

लेखक के बारे में

शशि मिश्रा

“शशि पांडेय ने 2007 में पत्रकारिता की शुरुआत अमर उजाला से की। फिर दैनिक जागरण कानपुर से घिसाई। सहारा में पॉलिशिंग और नवभारत टाइम्स में मिली ऐसी चमक जो अभी तक बरकरार है। शौक़: लिखना, घूमना और नये लोगों से नई- नई जानकारियां लेना. फ़ंडा: जीवन में हर किसी के पास दो रास्ते होते हैं, भाग लो (Run) या भाग लो (Part). मेरी लाइफ का फ़ंडा, भागने की जगह भाग लेना है.”… और पढ़ें

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